How to choose stream after 10th standard: 10वीं बोर्ड के बाद विषय कैसे चुने:


How to choose stream after 10th standard: 10वीं बोर्ड के बाद विषय कैसे चुने :


10वीं की परीक्षा के बाद छात्र /छात्राओं के सामने अनेक चुनौतियाँ प्रारम्भ हो  जाती है । सबसे पहले उनके सामने अपने  मुख्य विषयों को चयन करना  का होता है । वे कौन सी स्ट्रीम चुने । वैसे तो स्कूलों में नम्बर के आधार पर विषय दे दिए जाते है । लेकिन विद्यार्थियों की संख्या  इतनी अधिक होती है कि उनका आकलन लगाना काफी मुश्किल है। फिर नंबर के आधार पर उनकी स्ट्रीम चुनना ठीक नही है । इसके लिए उनका मनोवैज्ञानिक अध्ययन करना आवश्यक है । अपनी स्ट्रीम को यदि ठीक प्रकार से न चुना जाये तो भविष्य में  उनको पछताना पड़ता है । आगे चलकर उनको जॉब  सेटिस्फेक्शन ( Satisfaction) भी नहीं मिलता ।
अतः 10th स्टैन्डर्ड के बाद सही स्ट्रीम  का चुनाव करना बहुत जरुरी है । विधार्थियों को अलग अलग स्ट्रीम के बारे पता होना चाहिए । 11th क्लास में मुख्य्तः तीन स्ट्रीम होती है । उनमे से एक स्ट्रीम चुनना पड़ता है । 
साइंस और मैथ अथवा बायोलॉजी : (Science & Maths or Biology )
साइंस स्ट्रीम में दो सब्जेक्ट होते है ; मैथ या बायोलॉजी  में एक विषय चुनना होता है।  मैथ ( PCM ) लेने वाला स्टूडेंस आगे चलकर इंजीनियर बनता है । साइंस के साथ बायोलॉजी (PCB ) चुनने पर वह  डाक्टर बनता है। इसके साथ ही साइंस के साथ बायोलॉजी और मैथ (PCBM)  का भी आब्शन रहता है ।   साइंस वालो को एक फायदा यह होता है कि यदि आगे चलकर १२ वी के बाद भी उन्हें यह लगता है कि मैंने स्ट्रीम चुनने  में गलती कर दी तो वे किसी भी दूसरी स्ट्रीम कॉमर्स और आर्ट के विषय को चुन सकते है । कामर्स और आर्ट वाले स्टूडेंट के साथ ऐसा नहीं होता है। साइंस स्टूडेंट के पास बहुत सारे आब्शन होते है. लेकिन उनको परिश्रम अधिक करना पड़ता है ।

कॉमर्स :(Commerce):
मैथ के साथ कमर्शियल एक्टिविटी में जिन स्टूडेंट का मन लगता है या जो अपना व्यापार (Business) शुरू करना चाहते है। उनके लिए कॉमर्स स्ट्रीम बेहतर होगा। इसमें आगे चलकर स्टूडेंट्स C A  चार्टेड अकाउंटेड ,एम् बीए(MBA) और इसके अतिरक्त गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर में सर्विस के लिए आवेदन कर सकते है ।


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कला संकाय या आर्ट : (Humanities or Art) :
इसमें अनेक विषयों का अध्ययन किया जाता है जैसे : हिन्दी, अंग्रेजी,संस्कृत और भारत में बोली जाने वाली भाषायें भी शामिल है।इसकेअतिरिक्तइतिहास, भूगोल ,मनोविज्ञान,सोशल साइंस, दर्शनशास्त्र,राजनीतिविज्ञान, पब्लिक एडमिंस्ट्रेशन,अर्थशास्त्र,  लॉ (law) आदि । कला संकाय में ऑब्शन सीमित हो जाते है । लेकिन यदि स्टूडेंट की सर्जन क्षमता है तो इनको वह  चुन सकता है। ग्रेजवेट के बाद सिविल सर्विसेस में इससे मदद मिलती है । इसके अतिरिक्त रिपोर्टर एंकर , टीचर और प्रोफ़ेसर, वकील बन सकते है ।
आत्ममूल्यांकन :
आप अपने आप को सबसे ज्यादा जानते होंगे । अपने पसंद और नापसंद को आपसे बेहतर कोई नही जानता । उनको नोट कर ले । इसके बाद उनका आत्ममूल्यांकन करके स्ट्रीम का चुनाव करे।

पेरेंट्स , अध्यापक और काउंसलर  से सलाह:
अपने पेरेंट्स और अध्यापकों से सलाह ले क्योंकि उनके पास आपसे ज्यादा अनुभव है । इसके बाद भी आप निश्चय नही कर पा रहे  है तो मनोविज्ञान की सलाह ले सकते है । आजकल तो स्कूलों में भी काउंसलर होते है । वे छात्रो का मनोवैज्ञानिक एनालिसिस कर के  सही स्ट्रीम चुनने में मदद करते है ।
आप अपनी पसंद ,रूचि और क्षमता के अनुसार ही अपनी स्ट्रीम चुने । सही स्ट्रीम का चुनाव करके अपने आप को और अधिक स्ट्रांग बना सकते है ।
अपने पसंद का स्ट्रीम कैसे चुने :
आपको यह कैसे पता चलेगा कि आपको यह सब्जेक्ट बहुत पसंद है ।  इसके लिए जिस भी सब्जेक्ट में आपको पड़ने  में बोरियत लगता है, उसको नही चुनना चाहिए ।  लेकिन कुछ विषय ऐसे होते जिसमे टाइम का पता ही नही चलता अर्थात उसमें आपका मन लग रहा है । अतः वही स्ट्रीम चुने ।

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दूसरो की देखा देखी मत करे :
अपने दोस्तों को देख कर अपने स्ट्रीम का चुनाव मत करे कि मेरे दोस्त ने  ये विषय चुना है तो मै भी  वही स्ट्रीम चुने ।   परेंट्स यदि इंजीनियर या डॉक्टर बनने की सलाह देते है और आपका साइंस में रूचि नही है । तो आप अपने पेरेंट्स को समझाये कि आमुख  विषय  में आपका मन नही लगता । आपका मन कॉमर्स या आर्ट्स में लगता है । या फिर वो सिंगर या कोई आर्टिस्ट बनना चाहते है । अपने व्यूज ( views ) को पेरेंस के साथ शेयर करना चाहिए । पेरेंट्स को भी  अपनी इच्छाओ को बच्चों के ऊपर नही  थोपना चाहिए । बल्कि उनको अपना निर्णय स्वयं ही लेने दे । हाँ एक गाइडेंस के रूप में जानकारी अवश्य दे ।

यदि इतनी समझदारी और सोच विचार कर स्ट्रीम का चुनाव करेगे तो आगे चलकर निश्चित  ही सफलता आपको मिलेगी ।
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यदि आपको मन में करिअर सबंधी  प्रश्न है तो अवश्य पूछे ।

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