Quotes of Atal Bihari Vajpayee in hindi :अटल बिहारी बाजपेयी के अनमोल विचार :
भारत रत्न से सम्मानित देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी एक राजनेता के साथ ही साहित्यकार और उच्च कोटि के कवि भी थे। भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वे 9 बार लोकसभा से चुने गए ।
- संक्षिप्त जीवन परिचय :
नाम : अटल बिहारी बाजपेयी .
जन्म: 25 दिसम्बर 1924 ,ग्वालियर में .
मृत्यु:16 अगस्त 2018 ( 93 साल).
पिता: कृष्ण बिहारी बाजपेयी (अध्यापक और कवि).
माता :कृष्णा बाजपेयी. - पेशा : राजनीति , साहित्यकार और कवि .
पत्रकारिता व सम्पादन : ‘पाञ्चजन्य ‘,’वीर अर्जुन’, ‘राष्ट्र धर्म ‘और ‘दैनिक स्वदेश’ . संगठन : भारतीय जनता पार्टी
सम्मान : भारत रत्न,पदमविभूषण,सर्वोच्च सांसद ।
उनके भाषण में जोश और ओज का समन्वय मिलता है। अपनी बात को बहुत ही बेबाकी से रखते थे। वे देश हित को सर्वोपरि महत्व देते थे। अपने विरोधियो को वे चुटीले व्यंग्य से जवाब देते थे। जिससे उनके विरोधी भी उनके अपने हो जाया करते थे। जैसा वे बोलते थे, वैसा व्यवहार भी करते थे। चाहे वो संसद भवन में हो ,किसी सभागार समूह में हो या फिर जनता के बीच उपस्थित हो सभी उनकी भाषण कला से प्रभावित रहते थे। आइये उनके अनमोल विचार पर एक नजर डालते है :
1.
‘मै चाहता हूँ भारत एक महान राष्ट्र बने शक्तिशाली बने ,संसार के राष्ट्रों में प्रथम पंक्ति में आये।’
2.
‘अहिंसा की भावना उसी में होती है। जिसकी आत्मा में सत्य बैठा है। जो समभाव से सभी को देखता है।’
3.
‘ निराश की अमावस की गहन निशा के अंधकार में हम अपना मस्तक आत्मगौरव के साथ तनिक ऊँचा उठाकर देखे। विश्व के गगन मंडल पर हमारी फलित कीर्ति के असंख्य दीपक जल रहे है।’
4 .
‘ भारत कोई इतना छोटा नहीं कि कोई उसको जेब में रख ले और वो उसका पिछलग्गू हो जाये। हम अपनी आजादी के लिए लड़े , दुनिया की आजादी के लिए लड़े हैं ।’
5 .
‘पौरुष ,पराक्रम ,वीरता ,हमारे रक्त के रंग में मिली है। यह हमारे महान परम्परा का अंग है। यह संस्कार द्वारा हमारे जीवन में ढाली जाती है। ‘
6.
‘ इतिहास में हुयी भूल के लिए आज किसी से बदला लेने का समय नहीं है। लेकिन उस भूल को ठीक करने का समय है।
7.
” सभ्यता कलेवर है ,संस्कृति उसका अंतरंग। सभ्यता सूल होती है,संस्कृति सूक्ष्म। सभ्यता समय के साथ बदलती है। किन्तु संस्कृति अधिक स्थायी होती है।’
8.
‘ लोकतंत्र बड़ा नाजुक पौधा है लोकतंत्र को धीरे धीरे विकसित करना होगा। केंद्र को सबके साथ लेकर चलने की भावना को आगे बढ़ाना होगा। ‘
9 .
‘गरीबी बहुआयामी होती है। यह कमाई के अलावा शिक्षा ,स्वास्थ्य ,राजनीतिक सहभागिता और हमारी संस्कृति व सामाजिक संगठनों के विकास पर भी असर डालती है। ‘
10 .
‘पड़ोसी कहते है की एक हाथ से ताली नहीं बजती लेकिन चुटकी तो बज सकती।’
11.
‘आप दोस्त बदल सकते है, पड़ोसी नहीं । ‘
12 .
‘शहीदों का रक्त अभी गीला है और चिंता की राख में चिंगारियां बाकी हैं। उजड़े हुए सुहाग और जंजीरो में जकड़ी हुयी जवानियाँ उन अत्याचारियों की गवाह है।’
13 .
‘नर को नारायण का रूप देने वाले भारत ने दरिद्र और लक्ष्मीवान ,दोनों में एक ही पराम् तत्व का दर्शन होता है।’
14.
‘रामचरित्र मानस थो मेरी प्रेरणा का स्रोत है। जीवन की समग्रता का जो वर्णन गोस्वामी तुलसी दास ने किया है। वैसा विश्व साहित्य में कही नहीं हुआ है। ‘
15 .
‘शिक्षा के द्वारा व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है। व्यक्तित्व के उत्तम विकास के लिए शिक्षा का स्वरुप आदर्शो से युक्त होना चाहिए। हमारी माटी में आदर्शो की कमी नहीं है। शिक्षा द्वारा ही हम नवयुवको में राष्ट्र प्रेम की भावना जाग्रत कर सकते है। ‘
16 .
‘किशोरों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है ।आरक्षण के कारण योग्यता व्यर्थ हो रही है ।छात्रों का प्रवेश विद्यालयों में नही हो पा रहा है । किसी को शिक्षा से वंचित नही किया जा सकता । यह मौलिक अधिकार है ।
17.
”शिक्षा का माध्यम मातृभाषा में होना चाहिए ।ऊँची से ऊँची शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए ।’
18.
‘अंग्रेजी केवल हिंदी की दुश्मन नही है ,अंग्रेजी की हर एक भारतीय भाषा के विकास के मार्ग में,हमारी संस्कृति की उन्नति के मार्ग में रोड़ा है ।जो लोग अंग्रेजी के द्वारा राष्ट्रीय एकता की रक्षा करना चाहते है ,वे राष्ट्र की एकता का मतलब नही समझते ।’
19.
‘ देश एक मंदिर है ,हम पुजारी है राष्ट्र देव की पूजा में हमे अपने को समर्पित कर देना चाहिए ।
20.
”टूट सकते है मगर झुक नही सकते ।
21.
‘मेरी कविता जंग का एलान है ,पराजय की प्रस्तावना नही है ।यह हारे हुए सिपाही का नैराश्य निनाद नही है ।जूझते योद्धा का जप संकल्प है ।वः निराश का स्वर नही है,आत्मविश्वास का जयघोष है ।’
22.
‘कड़ी मेहनत कभी भी आप पर थकन नही लाती,वो आपके लिए संतोष ही लाती है ।’
23.
‘संयुक्त परिवार की प्रणाली ज़माजिक सुरक्षा का सुन्दर प्रबंध था । जिसने मार्क्स को भी मात कर दिया था ।
24.
”जो राजनीति में रूचि लेता है । वह साहित्य के लिए समय नही निकल पाता और साहित्यकार राजनीति के लिए समय नही दे पाता,लेकिन कुछ ऐसे लोग होते है ,जो दोनों के लिए समय देते है । वे अभिनंदनीय है ।
25.
”मेरा कवि ह्रदय मुझे राजनीतिक समस्यायें झेलने की शक्ति देता है ।’
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Atal ji is the best person of india.
Inki jagah koi aur nhin le skta. Ye hamare dil me hai.
inke vicharo ko share krne ke liye bahut bahut dhanyawad.
Thanks Rahul ji.