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About Earthquake in hindi |भूकंप क्या है |भूकंप क्यो आता है :


भूकंप (Earthquake) की खबर जब भी सुनने को मिलती है। मन अंदर से सिंहर जाता है । यह एक बड़ी प्राकृतिक आपदा के संकेत लेकर आता है।  जिस क्षेत्र में भूकंप (Earthquake) आता है । वहाँ विनाशकारी और  तबाही लेकर यह आता है । यह इतनी तेजी से आता है कि संभलने का मौका ही नही देता । National Earthquake information Centre  के अनुसार, हर साल 20,000 भूकंप आते है । जिसमे 100 भूकंप ऐसे होते है। जिसमे जान -माल का नुकसान होता है ।


भूकंप (Earthquake) क्यो आता है :

भूकंप (Earthquake)क्यो आता है ? इसे समझने के लिए हमे धरती की संरचना को समझना होगा । धरती मुख्य तौर से चार परतों से बनी है । इन्हें इनरकोर,आउटरकोर,मेंटल कोर और क्रस्ट कोर कहा जाता है। क्रष्ट और ऊपरी मेंटल को लिंथोस्फेयर कहा जाता है । ये लगभग 50 किलोमीटर  की मोटी परते होती है ।जिन्हें (Tectonic plates ) टेक्टोनिक प्लेटें कहा जाता है । धरती 12 टेक्टोनिक  प्लेटों पर स्थित है । इसके नीचे तरल पदार्थ लावा के रूप में स्थित है । ये प्लेटें लावे पर तैर रही होती है । प्लेटो के टकराने से ही भूकंप आता है ।

ये टेक्टोनिक परते हिलती है ,घूमती है या खिसकती है । किसी  horizontal और  Vertical दोनों तरह से ही टकराते है । ऐसे में ही ये प्लेट्स (plates)आपस मे टकरा जाते है । इससे  धरती हिलती है और भूकंप आता है । ये प्लेट  सतह से 30 से 50 किलोमीटर तक नींचे होती होती है ।ज्वालामुखी विस्फोट,माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग से भी भूकंप आता है । भूकंप के कई अन्य कारण जैसे घरों की खराब बनावट, भूमि की खराब संरचना जनसंख्या बसावट आदि भी है ।


भूकंप (Earthquake) का केंद्र  :

भूकंप का केंद्र वह जगह होती है । जिसके नीचे प्लेटो में टकराहट होती है और ऊर्जा निकलती है । इस जगह पर कम्पन सबसे तेज महसूस होता है । कम्पन की आवृति जितनी दूर हो जाती है । इसका प्रभाव उतना ही कम हो जाता है ।भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके एपीसेन्टर से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जा सकता है ।सैकड़ो किलोमीटर में फैली तरंगों में से भी इस लहर में कंपन होता है । इससे धरती में दरारें पड़ जाती है  भूकंप की तबाही उथली हो तो ज्यादा भयंकर होता है। यदि गहराई में भूकंप है तो साथ मे ज्यादा नुकसान नही होता है । इसके अतिरिक्त समुंद्र में भूकंप आने से सूनामी उठती है ।

भूकंप की तीव्रता कैसे नापते है :

भूकंप (Earthquake) की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का प्रयोग किया जाता है । भूकंप की तरंगों को 1 से 9 अंको के आधार पर नापता है । रिक्टर पैमाने को कैलिफोर्निया इंस्टीटूट आफ टेक्नोलॉजी के अमेरिकी वैज्ञानिक चार्ल्स रिक्टर ने 1935 में बेनोगुटेबर्ग की सहायता से अविष्कार किया था । रिक्टर की एक इकाई पिछले कई तुलना में 10 गुना  अधिक तीव्रता रखती है और इसकी ऊर्जा 32 गुना बढ़ जाती है ।
इससे निकलने वाली ऊर्जा परमाणु बम से निकलने वाली ऊर्जा से 100 गुना ज्यादा होती है । इससे इसकी भयानकता का पता चलता है । भूकंप की तीव्रता सिज्मोमीटर से नापा जाता है ।

भूकंप की तीव्रता :

रिक्टर स्केल में 2 से 3 तीव्रता वाले भूकंप हल्के माने जाते है । 5 से 6 तीव्रता वाले भूकंप मध्यम श्रेणी में आते है । ऊंची इमारत और नदी के पास क्षेत्रों को नुकसान पहुंचा सकते है । 6 से 7 रिक्टर वाले भूकंप बड़े माने जाते है । ऐसे भूकंप लगभग साल में 100 बार आते है । 7 से 8 तीव्रता के भूकंप खतरनाक माने जाते है । इस प्रकार के भूकंप साल में 20 बार आते है । 8 से 9 तीव्रता वाले भूकंप सबसे खतरनाक होते है । ऐसे भूकंप साल में एक बार आने की आशंका रहती है इसमें जान माल को बहुत नुकसान होता है । इससे अधिक खतरनाक भूकंप 20 साल में एक बार आने की आशंका रहती है ।अब तक का सबसे बड़ा भूकंप 9.5 मैग्नीट्यूड चिली में 22 मई 1960 को रिकॉर्ड किया गया । इसके अतिरिक्त अलास्का की पहाड़ियों में सबसे ज्यादा भूकंप आता है । 28 मार्च 1964 को  9.2 मैग्नीट्यूड यूनाइटेड स्टेट्स में रिकार्ड किया गया ।
इसमे अलास्का का क्षेत्र काफी प्रभावित रहा । यहां पर 7.0  मैग्नीट्यूड की तीव्रता वाले भूकंप हर साल आते है।

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भारत मे भूकंप:

भूकंप के खतरे की दृष्टि से भारत को चार जोन ने विभाजित किया गया है । जोन -2 ,जॉन-3,जोन-4 और जोन-5 ।  जोन-2 को दक्षिण भारत के क्षेत्र रखे गए है । यहाँ भूकंप का खतरा सबसे कम होता है ।
जोन-3 में मध्यभारत को रखा गया है । जोन-4  दिल्ली और एन सी आर और उत्तर भारत के तराई क्षेत्रों को रखा गया है । जोन-5 में सबसे खतरनाक जोन है इसके अंतर्गत उत्तरपूर्व उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर आदि क्षेत्र आते है । इंडियन प्लेट हिमालय से लेकर अंटार्कटिक तक फैली है । यह हिमालय के दक्षिण में है । जबकि यूरेशियम प्लेट हिमालय के उत्तर में है  जिसमे चायना आदि देश आते है । वैज्ञानिकों के मुताबिक इंडियन प्लेट उत्तर पूर्व दिशा में यूरेशियम प्लेट की ओर बढ़ रहे है ।ये प्लेटें टकराती है तो भूकंप का केंद्र भारत हो सकता है । भारत मे अबतक लातूर महाराष्ट्र में, कच्छ गुजरात और कश्मीर में भयानक भूकंप आ चुके है ।
ज्वालामुखी विस्फोट,माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग से भी भूकंप आता है । भूकंप के कई अन्य कारण जैसे घरों की खराब बनावट, भूमि की खराब संरचना जनसंख्या बसावट आदि भी है ।

भूकंप (Earthquake) से कैसे बचा जाए :

यदि अचानक भूकंप (Earthquake)आ जाए तो सबसे पहले खुले में बाहर निकले । मैदान में यदि आ जाये तो ज्यादा अच्छा है । यदि घर ने फंस गए हो तो  बेड या मजबूत टेबल या अलमारी में छिप जाए । पेड़ या बिजली के  खंबो से दूर रहे । लिफ्ट का प्रयोग न करे ।
घर के किसी कोने में भी खड़े हो सकते है । घर बनवाते समय भूकंपरोधी मकान को बनवाना चाहिए जिससे इस आपदा से बचा जा सके।

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